राहत व बचाव कार्यों ने पकड़ी रफ्तार, हर्षिल के लिए चार हेलिकॉप्टरों ने भरी उड़ान

उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी मची तबाही है। लापता लोगों की तलाश जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज चौथा दिन है। अब तक फंसे 657 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से भारी मशीनरी व रसद पहुंचाई गई है।
आपदा स्थल पर राहत-बचाव का काम जारी
आपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर, राजस्व आदि की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को प्रातः से ही हेली के माध्यम से आईटीबीपी मातली पहुंचाने का सिलसिला निरंतर जारी है। आज प्रातः 9 बजे तक 55 लोगों को आईटीबीपी मातली सिफ्ट किया गया है।
अगले हफ्ते आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगी केंद्र की अंतर मंत्रालय टीम
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अगले हफ्ते केंद्र की अंतर मंत्रालय टीम दौरा करेगी। इस टीम में विभिन्न मंत्रालय के विशेषज्ञ नुकसान का जायजा लेने के साथ ही बचाव व राहत कार्यों की रणनीति भी तैयार करेंगे। इसके अलावा भागीरथी में बन रही झील से पानी की निकासी की निगरानी के लिए सेना व राज्य की संयुक्त टीम करेगी।बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने राज्य अधिकारियों के साथ धराली आपदा में बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की। प्राधिकरण के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा, एनडीएमए की ओर से रेस्क्यू अभियान की निगरानी की जा रही है। एनडीएमए के स्तर से जो भी सहायता उत्तराखंड को चाहिए, वह तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। धराली में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार के स्तर से हर संभव आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। क्षति के प्रारंभिक आकलन के लिए अगले सप्ताह टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।
मुख्यमंत्री ने धराली व सैंजी आपदा प्रभावितों के पोछे आंसू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरे दिन भी आपदा से ग्रसित धराली व सैंजी क्षेत्र में ग्राउंड जीरो पर डटे रहे। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से मिल कर उनके आंसू पोछे और सरकार की तरफ हरसंभव मदद का भरोसा दिया। सीएम ने कहा, प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हर व्यक्ति को निकालने तक बचाव अभियान जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने बचाव एवं राहत कार्यों पर भी निगरानी रखी और अफसरों से लगातार अपडेट लेते रहे।
लापता लोगों की तलाश जारी
उत्तरकाशी जिले के धराली में आपदा के बचाव व राहत कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। मातली से हर्षिल के लिए आज शुक्रवार सुबह चार यूकाडा के हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी है। चिनकू, एमआई-17 समेत आठ निजी हेलिकॉप्टर बचाव अभियान में जुटे हुए है। वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारी मशीनरी को गुरुवार को हर्षिल पहुंचाया गया। जबकि हेलिकॉप्टर से हर्षिल, नेलांग, मताली से फंसे 657 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
भटवाड़ी के समीप 100 मीटर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त गंगोत्री नेशनल हाईवे को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है, लेकिन इससे 15 किलोमीटर आगे पुल पूरी तरह ध्वस्त है। इससे अस्थायी तौर पर यातायात के सुचारु करने में एक दिन और लग सकता है। लिहाजा बचाव व राहत कार्यों के लिए हवाई सेवा ही एकमात्र विकल्प है।
वायु सेना की ओर से दो चिनकू, दो एमआई-17 के अलावा यूकाडा के आठ हेलिकॉप्टर बचाव अभियान में लगे हैं। चिनूक हेलिकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जेसीबी, एस्कवेटर, डोजर, टिप्पर, जनरेटर समेत अन्य मशीनरी उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ पहुंचाई गई। जहां से इन्हें हर्षिल भेजा जा रहा है। प्रभावितों के लिए 2500 खाने के पैकेट भी हर्षिल भेजे गए।
हेलिकॉप्टर से गंगोत्री से हर्षिल 274, गंगोत्री से नेलांग 19, हर्षिल से मातली 252, हर्षिल से जौलीग्रांट एयरपोर्ट 112 लोगों को लाया गया। इनमें उत्तराखंड के अलावा गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के छह, दिल्ली के सात, असम के पांच, कर्नाटक के पांच, तेलंगाना के तीन और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल है।