Pithoragarh Accident: खाई में खोई जिंदगी…ओवरलोडिंग और खराब स्टेयरिंग ने खूनी खाई में घसीटा, आठ की मौत

मुवानी कस्बे से यात्रियों को लेकर मैक्स मंगलवार शाम लगभग पांच बजे बोकटा गांव की ओर निकली। भंडारीगांव पुल के पास लगभग एक किलोमीटर आगे अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से लगभग 150 फुट नीचे गिर गई। हादसे में आठ लोगों की मौत हुई है।जिस वाहन दुर्घटना में । मंगलवार को आठ लोगों की मौत हुई, उसका प्रारंभिक कारण वाहन का स्टेयरिंग लॉक होना बताया जा रहा है। जीप में नियमों के विपरीत 14 सवारियां बैठाई गई थीं। ओवरलोडिंग के कारण भी इस तरह की दुर्घटनाओं की आशंका रहती है।जिले में अलग-अलग कारणों से हुए सड़क हादसों में पिछले एक वर्ष में अब तक 19 लोग जान गंवा चुके हैं। इन हादसों ने किसी के घर का चिराग छीना तो कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छिन गया। पिथौरागढ़ जिले में अप्रैल 2024 में चमाली मोटर मार्ग पर हुई दुर्घटना में एक ही गांव के चार युवाओं की मौत हो गई थी। अक्तूबर 2024 में कनारी पांभैं सड़क पर हुई कार दुर्घटना में तीन युवक असमय मौत के मुंह में समा गए। फरवरी 2025 में थल-डीडीहाट मोटर मार्ग पर कार के खाई में गिरने से दो युवकों की मौत हो गई थी। इसी साल दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में एक राजस्व उप निरीक्षक और एक डॉक्टर की मौत हुई।पिछले माह मुनस्यारी-मिलम मोटर मार्ग पर वाहन के गहरी खाई में गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी। मंगलवार को मुवानी के समीप हुए हादसे में आठ लोगों की मौत से मृतकों का आंकड़ा और बढ़ गया है। पिछले एक वर्ष के भीतर 19 लोगों ने वाहन दुर्घटना में जान गंवाई है। इनमें कहीं खराब सड़कों के कारण दुर्घटना हुई तो कहीं ओवर लोडिंग या लापरवाही के कारण हादसे हुए हैं। बड़ी दुर्घटनाओं के बाद प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की बात तो कही जाती है लेकिन बाद में यातायात नियमों को दरकिनार कर दिया जाता है।