उत्तराखंड

बाबा की दीवानगी या फिर कहीं कुछ गड़बड़ चंद मिनटों में इतने टिकट बुक, एजेंटों का खेल तो नहीं

चारधाम यात्रा के दौरान संचालित होने वाली केदारनाथ हेली सेवा के लिए देश के सभी राज्यों से यात्रियों ने ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग कराई है। वेबसाइट खुलने के कुछ घंटों में मई माह की पूरी टिकट फुल हो गए।

श्री केदारनाथ धाम के लिए चंद मिनटों में ही सात हजार से अधिक टिकट बुक हो गए और फिर विंडो बंद हो गई। ये बाबा केदार के प्रति लोगों की दीवानगी है या फिर एजेंटों का कोई खेल। जी हां, ये टिकट व्यक्तिगत रूप से लोगों ने बुक कराए या फिर एजेंटों ने कुछ गड़बड़ की, ये जांच का विषय है। लेकिन, आईआरसीटीसी के माध्यम से ऐसा एक नहीं, बल्कि कई बार हो चुका है।

यही कारण है कि चंद मिनटों की यह प्रक्रिया 2022 जैसे किसी कंफर्म रेलवे टिकट स्कैम की याद भी दिला रही है। उस वक्त सोशल मीडिया पर मौजूद कई विदेशी सॉफ्टवेयर से दलालों ने कंफर्म टिकट का कालाधंधा चलाया था। कई दलाल गिरफ्तार हुए और हजारों आईडी बंद कराई गई। हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने बुकिंग के लिए इस्तेमाल हुए आईपी एड्रेस का ब्योरा तलब किया है। इससे ही साफ हो पाएगा कि यह आखिर क्या मामला था?

दरअसल, पिछले साल से श्री केदारनाथ धाम हेली सेवा के लिए टिकट बुकिंग की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को दी गई थी। इसके अलावा और कोई विंडो या प्लेटफार्म नहीं है। इस बार भी मंगलवार को सुबह 12 बजे आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट पर टिकट विंडो खोली। लोगों ने टिकट बुकिंग शुरू की।

केवल 40 मिनट बाद ही मई माह के स्लॉट फुल हो गए। इस पर कई लोग सवाल भी उठा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि टिकट बुकिंग करने के लिए केवल नाम और फोन नंबर दर्ज किया जाता है। इसके लिए एक विस्तृत फॉर्म भरा जाता है।

इसकी तस्दीक एक ओटीपी के माध्यम से की जाती है। मगर, हजारों लोग ओटीपी का इंतजार करते रहे और देखते ही देखते विंडो बंद हो गई। आंकड़ों के मुताबिक 23 हजार लोगों के लिए इस दरम्यान सात हजार से अधिक टिकट बुक हुए। जाहिर है कि इससे कहीं अधिक लोगों ने प्रयास किया होगा, जिनमें से अधिकतर के हाथ मायूसी ही लगी।

अब देखने वाली बात यह है कि ये टिकट वास्तव में बाबा के दर्शन के लिए आने वाले लोगों के हाथ लगे या फिर किसी सिंडीकेट के। आईआरसीटीसी की व्यवस्था पूरी तरह से फुलप्रूफ है यह कहना भी मुश्किल है।

अभी तीन साल पहले ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट को कई एजेंटों के इसी सिंडीकेट ने गच्चा दिया और करोड़ों रुपये की चपत लगाकर लोगों को ऊंचे दामों में रेलवे के कंफर्म टिकट बेचे। ऐसे में हेली सेवा टिकट बुकिंग में भी ऐसा खेल हुआ होगा यह कहना फिलहाल गलत नहीं है।

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