उत्तराखंड

शादी के विवाद में पूर्व BJP MLA सुरेश राठौर को नोटिस, पार्टी ने 7 दिन में मांगा जवाब, कांग्रेस ने घेरा

देहरादून: भाजपा पूर्व विधायक सुरेश राठौर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनके महिला विवाद के बाद अब पार्टी ने उन्हें कारण बताओं नोटिस थमा दिया है. सुरेश राठौर को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.उत्तराखंड में अनुशासनहीनता के ज्यादातर मामले हरिद्वार से ही सामने आ रहे हैं. पूर्व में भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के साथ विवाद हुआ, जिसके बाद पार्टी ने उन पर कार्रवाई भी की. अब ज्वालापुर से पूर्व विधायक सुरेश राठौर का मामला सुर्खियों में है.कुछ समय पहले राठौर का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वो एक महिला के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते नजर आए थे. वीडियो में महिला उनको पति के रूप में संबोधित कर रही थीं. प्रेस कांफ्रेंस में महिला द्वारा उनकी शादी की घोषणा भी की गई थी. अब इस संबंध में उत्तराखंड भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को एक कारण बताओ नोटिस भी भेजा है. पार्टी ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर के पूरे मामले को पार्टी की सभी धूमिल करने वाला बताया है.पार्टी ने हरिद्वार की ज्वालापुर विधानसभा से पूर्व विधायक सुरेश राठौर को उनका और उनकी महिला संबंधी से चल रहे विवाद और शादी के संबंध में जन सामान्य में हो रही तमाम चर्चाओं और पार्टी की धूमिल होती छवि को लेकर सवाल पूछा है. पार्टी ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को दिए गए नोटिस में कहा है कि लंबे समय से उनके आचरण को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. उनके सामाजिक आचरण के कारण पार्टी की छवि धूमिल हो रही है.इस पूरे मामले पर भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा कि, सुरेश राठौर की यह सार्वजनिक रूप से की जा रही गतिविधियां पार्टी में अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं. इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सात दिनों के भीतर विधायक सुरेश राठौर से लिखित रूप में कार्यालय में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है.भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने कहा सुरेश राठौर के निजी जीवन में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ, इसको लेकर पार्टी हस्तक्षेप नहीं करती है. लेकिन जब किसी भी राजनीतिक व्यक्ति के निजी जीवन की बातें चौराहे पर की जाती हैं तो उससे व्यक्ति के साथ-साथ उसकी पार्टी की भी आलोचना समाज में होती है. निश्चित तौर से यह पार्टी की छवि को धूमिल करता है.इन तमाम गतिविधियों का चलते पार्टी ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. उन्होंने कहा सुरेश राठौर को एक सप्ताह का समय अपना पक्ष रखने के लिए दिया गया है. उनका पक्ष आने के बाद पार्टी विचार करेगी. उसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी.हमलावर हुई कांग्रेस, राठौर से साथ बीजेपी को घेरा: भाजपा पूर्व विधायक सुरेश राठौर व महिला विवाद पर कांग्रेस भी हमलावर है. उत्तराखंड कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा है कि अभिनेत्री के साथ सार्वजनिक प्रेस वार्ता में उन्हें अपने जीवनसाथी के रूप में प्रस्तुत करना और फिर भारी जनदबाव पड़ने पर अपने ही बयान से पलट जाना भाजपा के दोहरे मापदंडों का जीता-जागता प्रमाण है.गरिमा दसौनी ने कहा- भाजपा ने पहले तो चुप्पी साधी, फिर जब जनमानस सत्ता रूढ़ दल के पूर्व विधायक द्वारा यूसीसी के उल्लंघन पर आक्रोशित हुआ, तब राठौर को नोटिस थमा दिया गया. यह एक बार फिर भाजपा की अवसरवादी राजनीति और नारी सम्मान के प्रति दिखावटी गंभीरता को उजागर करता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button